छींक आना एक सामान्य शारीरिक प्रतिक्रिया है, लेकिन कई लोग इसे शुभ-अशुभ संकेतों से जोड़ते हैं। यहाँ कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं:

प्राचीन मान्यताएँ: प्राचीन काल से छींक को विभिन्न संकेतों के रूप में देखा जाता रहा है। कुछ इसे शुभ मानते हैं तो कुछ अशुभ।

समय का महत्त्व: सुबह-सुबह छींक आना शुभ माना जाता है, जबकि रात में छींक आना अशुभ माना जाता है।

दिशा का प्रभाव: उत्तर दिशा की ओर छींक आना शुभ होता है, जबकि दक्षिण दिशा की ओर छींक आना अशुभ होता है।

काम की शुरुआत: यदि आप किसी महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत करते समय छींकते हैं, तो इसे अशुभ संकेत माना जा सकता है। बेहतर होगा कि थोड़ी देर रुककर पुनः शुरुआत करें।

दो बार छींकना: लगातार दो बार छींक आना शुभ माना जाता है, जबकि एक बार छींक आना कुछ लोग अशुभ मानते हैं।

धार्मिक दृष्टिकोण: धार्मिक दृष्टिकोण से छींक आना भगवान के प्रति आभार प्रकट करने का संकेत भी हो सकता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण: छींक आना शारीरिक स्वास्थ्य का संकेत हो सकता है और इसमें कोई शुभ-अशुभ का तत्व नहीं होता।