रहस्यमय मंदिर

भारत में एक बहुत अनोखा मंदिर है, जो बहुत रहस्यमय है। अब तक, किसी मंदिर की इमारत या कोई देवी-देवता की मूर्ति अबूझ पहेली बनी हुई है।

ज्वालामुखी मंदिर

हिमाचल प्रदेश में कुछ ऐसा ही एक रहस्यमय मंदिर है। ठीक है, हम हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित मां ज्वालामुखी मंदिर की बात कर रहे हैं।

अखंड ज्योति

मां ज्वाला के मंदिर में निरंतर अखंड ज्योति जलती रहती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह ज्योति प्राकृतिक है और पानी से भी नहीं बुझती है।

प्राकृतिक तरीके से जल रही है ज्योत

कहा जाता है कि मां ज्वाला के मंदिर में लंबे समय से प्राकृतिक ज्योति जलती आई है। इस स्थान का नाम ज्वालामुखी इस ज्योति से पड़ा है।

शक्तिपीठ

हिंदू धर्म में, ज्वालामुखी मंदिर माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर के गर्भगृह में नौ ज्योति प्राकृतिक रूप से निरंतर जलती रहती हैं।

वैज्ञानिकों ने किया रिसर्च

देश-विदेश के वैज्ञानिकों ने सदियों से जलते आ रहे इन अखंड ज्योतियों को किस गैस के सोर्स से जलाने का पता लगाने में बहुत मेहनत की है।

सोर्स का नहीं चल पाया पता

वैज्ञानिकों ने कई बार कोशिश करने के बाद भी ज्वालामुखी मंदिर में जलने वाली ज्योति का स्रोत नहीं पाया है।

वैज्ञानिक हो गए फेल

इतना ही नहीं, ज्वालामुखी मंदिर में खोज करने वाले वैज्ञानिक ने अपनी बहुत सी मशीनें यहीं छोड़ दीं। यह मशीन आज भी मंदिर के आसपास जंगलों में पड़ी है।

धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में ज्वालामुखी मंदिर महत्वपूर्ण है। रोजाना इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है।

नहीं जलता है हाथ

ज्वालामुखी मंदिर में जलती हुई ज्योति को छूने से हाथ नहीं जलता। दर्शन करने के लिए इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु मां की ज्योत को हाथों से स्पर्श कर माथा टेकते हैं।