Dr. Rajiv Bajpai
हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को रोशनी का पर्व दीपावली मनाया जाता है। सुख-समृद्धि का प्रतीक दीपावली के इस पर्व में मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा की जाती है। घर को दीपक की रोशनी से सजाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि दीपावली के दिन ही भगवान श्री राम लंकापति रावण का वध करने के साथ 14 वर्ष का वनवास काटकर अपने राज्य अयोध्या लौटे थे। भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की आने की खुशी पर पूरे अयोध्या को घी के दीपों से सजाया गया था और उसके बाद से हजारों सालों से यह त्योहार मनाया जा रहा है।
भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की आने की खुशी पर पूरे अयोध्या को घी के दीपों से सजाया गया था और उसके बाद से हजारों सालों से यह त्योहार मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं इस साल दिवाली की तिथि, शुभ मुहूर्त
पांच दिनों तक चलता है दिवाली का त्योहार
दीपावली महोत्सव सिर्फ एक दिन का पर्व न होकर पूरे 5 दिन तक मनाया जाता है। यह त्योहार धनतेरस के दिन से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है। इन 5 दिनों के त्योहारों में पहले दिन धनवंतरि भगवान की पूजा होती है और बर्तन या गहने खरीदने का रिवाज है, इस महोत्सव के दूसरे दिन नरक चतुर्दशी तिथि होती है जिसमें यम देव की पूजा और दीपदान किया जाता है।
महोत्सव के तीसरे दिन मुख्य दिवाली होती है जिस दिन माता लक्ष्मी के पूजन के साथ घर को रोशनी से भी सजाया जाता है। दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का विधान है जिसमें गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाया जाता है और उसकी पूजा की जाती है। गोवर्धन के अगले दिन यानी द्वितीया को भाई-दूज के त्योहार के साथ दिवाली महोत्सव समाप्त हो जाता है।
दीपावली 2022 की तिथि
24 अक्टूबर 2022
कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि
23 अक्टूबर 2 शाम 6.04 मिनट से शुरू होकर 24 तारीख को शाम 5.28 मिनट तक
कृष्ण पक्ष की अमावस्या
24 तारीख को शाम 5.28 मिनट से शुरू होकर 25 अक्टूबर शाम 4.18 मिनट तक
दीपावली पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत पूजा- 24 अक्टूबर शाम 5 बजकर 50 मिनट से रात 8.22 मिनट तक
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 24 अक्टूबर शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08.16 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- 24 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 19 मिनट से दोपहर 12.05 मिनट तक
अमृत काल मुहूर्त – 24 अक्टूबर को सुबह 08.40 मिनट से 10.16 मिनट तक
विजय मुहूर्त- 24 अक्टूबर दोपहर 01.36 मिनट से 02.21 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त- 24 अक्टूबर शाम 05.12 मिनट से 05.36 मिनट तक
दिवाली 2022 मां लक्ष्मी की पूजन विधि: (Diwali 2022 Laxmi Puja Vidhi)
- मां लक्ष्मी वहीं विराजमान होती हैं जहां सफाई हो. ऐसे में सूर्योदय से पहले स्नान कर पूरे घर और लक्ष्मी जी की पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कर उस जगह को पवित्र करें.
- घर की फूलों से सजावट करें, मुख्य द्वार पर तोरण लगाएं और शुभ-लाभ, स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं. शाम के वक्त मां के आगमन के लिए रंगोली जरूर बनाएं.
- प्रदोष काल में शुभ मुहूर्त में पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी और मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें.
- मूर्तियां इस प्रकार स्थापित करें उनका मुख पूर्व या पश्चिम में रहे.
- कुबेर देवता की पूजा के लिए मां लक्ष्मी की मूर्ति के सामने चांदी या कांसे की थाल पर रोली से स्वातिक बनाकर अक्षत डालें और इसमें चांदी के सिक्के रख दें.
- चौकी के पास मां लक्ष्मी के दाएं ओर अक्षत के ऊपर जल से भरा कलश रखें.
- कलश में आम के पत्ते रखकर एक नारियल के ऊपर मौली बांधकर कलश पर स्थापित करें.
- घी का दीपक लगाकर सभी देवी-देवताओं का आह्वान करें. फिर सबसे पहले भगवान गणेश को चंदन का तिलक लगाकर, जनेऊ, अक्षत, फूल, दूर्वा अर्पित करें.
- देवी लक्ष्मी, मां सरस्वती की षोडशोपचार पूजन करे. रोली, मौली, हल्दी, सिंदूर, मेहंदी, अक्षत, पान, सुपारी, कमल का फूल, कलावा, पंचामृत, फल, मिठाई, खील बताशे, इत्र, पंचरत्न, कौड़ी नारियल आदि अर्पित करें.
- दिवाली के दिन मां काली की पूजा का भी विधान है. महानिशा यानी देवी काली की पूजा इस दिन दो प्रकार से होती है. एक सामान्य और दूसरी तामस्कि पूजा. गृहस्थ जीवन यापन करने वालों को सामान्य पूजा करनी चाहिए.
- अब भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के मंत्र ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: का जाप करें. मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए ‘श्री सूक्त’ पाठ करना उत्तम माना गया है.
- देवी लक्ष्मी का प्रिय भोग खीर और गणशे जी को लड्डू का भोग लगाएं. धूप, दीप लगाकर मां लक्ष्मी की परिवार सहित आरती कर. प्रसाद बांटे और जरूरतमंदो को दान दें.
- धन में वृद्धि के लिए तिजोरी, बहीखाता और व्यापारिक उपरकरण की भी पूजा करें.
दिवाली की रात घर में 11, 21 तेल के दीपल जलाएं.